
बांदा-डीवीएनए। स्वच्छ भारत मिशन जिले में लापरवाही और भ्रष्टचार की शिकार है। जिले की सभी तहसीलों में कमोबेश यही स्थिति है जैसा कि हम नरैनी तहसील के बिल्हरका गांव की पेश कर रहे हैं।कहने को तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय बनवाए गए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति शौच के लिए बाहर न जाए। लेकिन मौके की स्थिति देखी जाए तो अधिकांश शौचालयों में कबाड़ रखा है। भूसा कंडा व लकड़ी यहां भरे हैं। गांव के लोग आज भी शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं।
नरैनी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बिल्हरका के मजरा बोड़ापुरवा, विदुवा पुरवा, रानीपुर, भावरपुर में करीब ड़ेढ़ सैकड़ा शौचालयों का निर्माण किया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान, सचिव व ठेकेदार की मिलीभगत से लाखों रुपये का घोटाला निर्माण में हुआ है।
बिल्हरका के मजरो में बने करीब 40 शौचालय में भूसा, कंडा लकड़ी आदि सामग्री भरी है। ग्रामीणों ने बताया कि तत्कालीन ग्राम प्रधान ने यह कहा था की तीनों तरफ की दीवारें बना लो और सीट बैठा कर दरवाजा लगा लो। ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय निर्माण के लिए मात्र एक हजार रुपये की धनराशि दी गई है। जिस कारण यह शौचालय आज तक पूर्ण नहीं हो पाए। दुकानदारों से सीमेंट, ईंटा उधार लेकर आधा -अधूरा निर्माण हो सका है। जिससे इनका सही से इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
ग्राम पंचायत बिलहरका के मजरा बोडा पुरवा, राजा, रामबाबू ,बहोरी, मुन्ना, लल्लू, संतू, लीला, प्रताप, लक्ष्मी, कामता, राजकुमार, सिद्धू ,शिवपाल ,विजय, रामकुमार, हल्के, भूपत, बरेदी, कल्लू, देवा, किशोरा आदि ने बताया की शौचालय का पैसा नहीं मिला है। जो कुछ बना है वह तत्कालीन प्रधान सचिव व एक बांदा के ठेकेदार ने सहयोग किया। उनके द्वारा एक-एक हजार रुपये मिले जिससे इतना कार्य करवाया है। खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि संयुक्त टीम का गठन करके जांच करवाई जाएगी। जांच में जो दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संवाद विनोद मिश्रा