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बाहुबली मुख्तार की कोर्ट से फरियाद: साबित कहावत मनुष बली नहीं होत है, समय होत बलवान

बांदा-डीवीएनए। मनुष बली नहीं होत है समय होत बलवानष् यह कहावत से प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर चरित्रार्थ हो रही है। जेल में बन्द अंसारी की कोर्ट से फरियाद सुनकर यही कथ्य और तथ्य उजागर होता है।
अब हम आपको बाहुबली द्वारा कोर्ट में फरियाद की अर्जी का उल्लेख कर रहें है पढ़िये। मी लार्ड! मैं लगातार पांच बार से जिला मऊ सदर विधान सभा से विधायक हूं। 16 साल से जेल में हूं। इस कैद के दौरान शुगर, ब्लड प्रेसर, हाइपरटेंशन, यूरिक एसिड, कमर दर्द आदि मर्ज-तकलीफ हो गईं। सुबह, दोपहर, शाम हर 6 घंटे में 9-10 कैप्सूल और गोलियां प्रतिदिन खानी पड़ रही हैं। गर्मी के इस मौसम में इतनी दवाएं खाने से शरीर में छाले निकल आए हैं। खुजली हो गई है। कमर दर्द से राहत नहीं मिल रही है। डाक्टरों का कहना है कि टैम्प्रेचर कंट्रोल के लिए एयर कूलर की जरूरत है। हड्डी विशेषज्ञ तख्त पर सोने और श्वांस रोग विशेषज्ञ डाक्टर मच्छरदानी लगाने की सलाह दे रहे हैं। वह यह सब व्यवस्थाएं खुद के खर्चे पर करने को तैयार है। न्याय हित में जेल प्रशासन को यह सुविधाएं दिलाए जाने के निर्देश जारी करें।
यह करुण फरियाद मंडल कारागार बांदा में निरुद्ध मऊ बाहुबली विधायक डान मुख्तार अंसारी ने अपने अधिवक्ता के जरिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मऊ की अदालत में की है। मुख्तार अंसारी की ओर से कहा गया है कि वह शांतिप्रिय और न्याय में विश्वास रखने वाला व्यक्ति है। काफी अर्से से वह प्रदेश की विभिन्न जेलों मे निरुद्ध है। वर्तमान समय वह बांदा कारागार में है। इतने लंबे समय से जेल में रहने के दौरान उसे कई गंभीर बीमारियों ब्लड प्रेसर, हाइपर टेंशन, यूरिक एसिड जैसी तकलीफें हो गई हैं। इन बीमारियों से राहत पाने के लिए उसे सुबह शाम 6 घंटे के अंतराल में 9 से 10 कैप्सूल और तमाम गोलियां रोजाना खानी पड़ रही हैं। बुंदेलखंड के बांदा की भीषण गर्मी के मौसम में तमाम दवाएं खाने से उसे एलर्जी हो गई है। शरीर में दाने और छाले निकल आते हैं। खुजली हो रही है। कमर दर्द से उसे भारी तकलीफ है। पिछले दिनों डाक्टरों की टीम ने जेल आकर उसे दवाएं दी थी। टैम्प्रेचर कंट्रोल के लिए एयर कूलर लगवाने की सलाह दी थी। हड्डी रोग विशेषज्ञ ने हार्ड बेड (तख्त) पर सोने और श्वांस रोग विशेषज्ञ डाक्टर ने मच्छरदानी लगाने की बात कही है।
इस अर्जी में मुख्तार अंसारी ने जेल मैनुअल के पैरा 432 का हवाला देकर कहा है कि विचाराधीन बंदी को व्यक्तिगत श्रोत से खाना, कपड़ा आदि आवश्यक वस्तुओं को क्रय करने का आज्ञा पत्र प्रावधान है। ऐसे में वह स्वयं के खर्च से एयर कूलर, तखत, मच्छरदानी आदि आवश्यक वस्तुएं खुद के खर्चे पर खरीदने को तैयार है। उसके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जेल मैनुअल के अनुरूप आवश्यक वस्तुओं का इस्तेमाल करने के लिए जिला कारागार के जेल अधीक्षक को निर्देशित किया जाये।
मुख्तार अंसारी की अर्जी को संज्ञान में लेते हुए मऊ सीजेएम ने बांदा जेल सुप्रिटेंडेंट से सवाल किया है कि क्या यह व्यवस्थाएं दी जा सकती हैं। अगर ऐसा संभव है तो वह अदालत को बताएं।
इस संबंध मे जेलर प्रमोद कुमार तिवारी नें बताया कि अब तक उनके पास इस तरह का कोई पत्र नहीं आया। हालांकि वह जेल मैनुअल के हिसाब से सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
संवाद विनोद मिश्रा

Digital Varta News Agency

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