
प्रयागराज-डीवीएनए। इस बार अलविदा जुमे की नमाज ईदगाह या मस्जिदों में नहीं बल्कि घरों पर ही होगी। लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए उलेमाओं ने यह फैसला लिया है। इसके साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों से एक-दूसरे के गले न मिलने की भी अपील की गई है।
मुस्लिम धर्मगुरुओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आपसी सौहार्द्र की मिसाल पेश करते हुए ईद की खरीददारी न कर उन पैसे से कोविड पीडित मरीजों की मदद करने का निर्णय लिया है। मुस्लिम उलमाओं ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि ईद पर मुसलमान कम खरीददारी करे और बाकी पैसों से कोविड पीडित व्यक्तियों के लिये ऑक्सीजन गैस सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाईयां समेत अन्य सामान खरीदकर उन तक पहुँचाने में मदद करें।
बृहस्पतिवार को अटाला स्थित मदरसा कादरी में मुस्लिम उलेमाओं ने बैठक कर लोगों से अपील की है। हाजी शफीकुर्रहमान का कहना था कि जहाँ एक ओर लोग वैश्विक माहमारी कोरोना से पीडित होकर ऑक्सीजन गैस और इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में ईद की खरीददारी न कर के उन पैसों से जरूरतमंद मरीजों की मदद करना भी खुदा की इबादत के समान है। सामाजिक कार्यकर्ता हसीब अहमद ने उलमाओं की इस पहल की सराहना करते हुए कहा की इस पहल से आपसी एकता को बल मिलेगा। जिससे एकजुट होकर हम कोरोना को हराएंगे।
वहीं अटाला व्यापार मण्डल अध्यक्ष फैय्याज अहमद ने शहर के दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि व्यपारी जरूरी सामान की ही दुकान सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए खोले। और मुनासिब दाम पर ही सामानों को लोगो को बेंचे। बैठक के दौरान हाजी शफीकुर्रहमान, हसीब अहमद, फैय्याज अहमद, हाजी मुख्तार, मौलाना शाहिद, सिराज अहमद, महताब खान आदि मौजूद रहे।