
बांदा-डीवीएनए। बुंदेलखंड में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कुल 2888 प्रधान पदों पर 979 महिलाएं काबिज हुई हैं यानी बुंदेलखंड में करीब 30 फीसदी ग्राम पंचायतों में अब गांव की सरकार महिलाएं चलाएंगी। बुंदेलखंड की बात करें तो सर्वाधिक महिलाएं जालौन जिले में चुनी गई हैं। यहां 195 महिलाएं ग्राम प्रधान बनीं हैं वहीं दूसरे नंबर पर बांदा में 160 महिलाओं के सिर प्रधानी का ताज सजा।
चित्रकूटधाम मंडल में बांदा जनपद में 469 ग्राम पंचायतों में 78 सामान्य, 38 एससी, 44 ओबीसी महिला के लिए सीट आरक्षित कर दी गई। इसी तरह चित्रकूट की 331 ग्राम पंचायतों में 53 सामान्य वर्ग, 28 अनुसूचित जाति, 31 पिछड़ा वर्ग, हमीरपुर की 330 ग्राम पंचायतों में 50 सामान्य वर्ग, 28 अनुसूचित जाति, 34 पिछड़ा वर्ग महिला, महोबा की 273 ग्राम पंचायतों में 45 सामान्य, 22 अनुसूचित जाति, 26 पिछड़ा वर्ग और झांसी मंडल में झांसी जनपद की 496 ग्राम पंचायतों में 76 सामान्य, 43 अनुसूचित जाति, 47 पिछड़ा वर्ग व एक अनुसूचित जन जाति, जालौन की 574 ग्राम पंचायतों 94 सामान्य महिला, 48 अनुसूचित जाति, 55 पिछड़ा और ललितपुर की 415 ग्राम पंचातयों में 64 सामान्य महिला, 31 अनुसचित जाति व 39 पिछड़ा वर्ग आरक्षित सीट पर महिलाएं बुंदेलखंड की राजनीति में उतरी थीं। ये महिलाएं मिनी सचिवालयों में बैठकर अब गांव की सरकार चलाएंगी। (संवाद)
बुंदेलखंड में नव निर्वाचित महिला प्रधानों की संख्या जनपद वार
बांदा जिले 469 में160महिलाएं,इसी प्रकार चित्रकूट में 331 में 112महिला, हमीरपुर 330 में 112,महोबा 273 में 93 ,झांसी 496 में 167,जालौन 574 में 195,ललितपुर 415 में134, नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों में 25 फीसदी महिलाएं स्नातक हैं। इसमें से 40 फीसदी से अधिक महिलाएं कक्षा-8 व हाईस्कूल उत्तीर्ण हैं। 35 फीसदी महिलाएं निरक्षर हैं। इस पंचवर्षीय में ग्राम पंचायतों में 55 फीसदी जीते प्रधान 30 से 40 वर्ष उम्र के हैं। गांव के विकास के लिए अबकी ग्रामीण मतदाताओं ने अधिकांश युवाओं के हाथों पर गांव की सरकार की कमान सौंपी है।
बुंदेलखंड के सातों जनपदों में जिला पंचायत सदस्य , क्षेत्र पंचायत सदस्य में भी महिलाओं का खासा दबदबा रहा। आरक्षण के मुताबिक बुंदेलखंड के सातों जनपदों में 19 ब्लाक प्रमुख पद और एक मात्र हमीरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कमान भी महिलाओं के हाथों में होगी।
संवाद विनोद मिश्रा