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बांदा डीवीएनए। बालू माफियाओं की करतूत दंबगई के परवान पर है।इस व्यवसाय के रसूखदार केन नदी और प्रशासन की खूब किरकिरी कर रहे हैं। जगह-जगह नदी की जल धारा बांधकर बालू के वाहन निकालने के लिए बनाए गए पुलों से ज्यादातर खामियाजा तटवर्ती क्षेत्रों के किसान भुगत रहे हैं। पर्यावरण विभाग ने तो पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। मंडल मुख्यालय से चंद किमी दूर दुरेड़ी गांव के पास नदी की जलधारा बांध दी गई है। बहाव रुकने से जल भराव बढ़ गया और नदी तट पर किसानों की बोई सब्जी फसलेें डूब गईं।
शुक्रवार को पीड़ित किसानों ने पुल के ऊपर ही प्रदर्शन कर विरोध जताया। केन नदी में जगह-जगह बालू सेतु बना दिए गए हैं। प्रशासन, खनिज, पुलिस और पर्यावरण विभाग एक तरफ तो बालू कारोबारी दूसरी तरफ। दोनों के बीच डाल-डाल, पात-पात खेल चल रहा है। प्रशासन एक पुल तुड़वाता है, बालू कारोबारी इधर-उधर करके फिर बना लेते हैं। मंडल मुख्यालय के नजदीक दुरेड़ी गांव के पास बने ऐसे ही बालू सेतु से नदी की जलधारा बाधित हो गई है। आरपार पुल में सिर्फ ह्यूमन पाइप डाले गए हैं। यह भरपूर पानी बहाव के लिए नाकाफी हैं। पानी के ठहराव से इर्द गिर्द बालू तट पर बोई गई सब्जी की फसल डूब रही है।
आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष सागर का कहना है कि एनओसी की शर्तों और खनिज एक्ट का खुला उल्लंघन हो रहा है, लेकिन यहां किसी को खौफ ही नहीं है। उधर, नदी में इस पुल के बाबत खनिज अधिकारी सुभाष सिंह ने कहा कि नदी की जलधारा जल संस्थान ने रुकवाई है। वहां जल संस्थान का इंटेकवेल के लिए काम चल रहा है। उन्हें जब पुल का स्थान बताया गया तो कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। कहा कि पट्टाधारक ने अगर पुल बनवाया है तो गलत है। इसे तोड़वाया जाएगा और कार्रवाई होगी।
ओवर लोडिंग में 27 बालू ट्रकों का चालान
खनिज विभाग ने अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग पर बीते शुक्रवार की रात जनपद के विभिन्न स्थानों पर 27 ट्रकों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया है। इनसे 9.45 लाख रुपये राजस्व वसूला जाएगा। डीएम के निर्देश पर खनिज अधिकारी व खान निरीक्षक ने भूरागढ़ पुलिस चैकी के पास आठ ट्रक, पपरेंदा चैकी के पास पांच ट्रक, चिल्ला थाना क्षेत्र में 9 ट्रक और 5 ट्रक बेंदाघाट में पकड़े।
संवाद विनोद मिश्रा