
महराजगंज (डीवीएनए)। प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का भले ही दावा करे लेकिन जमीनी हकीकत अलग है, यहां सरकारी विद्यालय में बच्चे तो है लेकिन सम्बंधित अधिकारियों के मनमाने पन के कारण अध्यापक ही नही है, फिर शिक्षा व्यवस्था कैसे सुधरेगी जो सरकार दावा कर रही है।
मामला है सिसवा विकास खण्ड के ग्राम बगही टोला किशुनपुर का, यहां स्थित जू0 हाई स्कूल की हालत बेहद खराब है, शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ किया जा रहा है, यहां के सरकारी जू0हाई स्कूल में कक्षा 6 में 11, कक्षा 7 में 5 व कक्षा 8 में 11 बच्चों को नामांकन है, भोजन बनाने के लिए दो रसोईया भी है लेकिन यहां अध्यापक ही नही है, यानी यह जू0हाई स्कूल बिना अध्यापक के ही संचालित हो रहा है।
बताते चलें यहां जूनियर हाई स्कूल पर पहले एक अध्यापक विनीत बाबू तैनात थे जिनका 1 फरवरी 2021 को अंतर्जनपदीय स्थानांतरण में स्थानांतरण हो गया, इसके बाद इस जूनियर हाई स्कूल पर किसी अध्यापक की तैनाती विभाग द्वारा नहीं की गई और कोरोना काल से बच्चों के लिए बंद विद्यालय को 10 फरवरी से प्रदेश सरकार द्वारा खोला गया कि 10 फरवरी से बच्चे विद्यालयों में जाएंगे और शिक्षा ग्रहण करेंगे लेकिन इस विद्यालय पर किसी अध्यापक की नियुक्ति न होने से शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बंद है।
वैसे भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले इस जूनियर हाई स्कूल में तीन कक्षाओं के लिए मात्र एक अध्यापक को नियुक्त किया गया था, अब आप स्वयं इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि एक अध्यापक एक साथ तीन अलग अलग कक्षाओं के बच्चों को किस तरह अशिक्षित करेगा, वही तैनात अध्यापक के स्थानान्तरन के बाद विद्यालयों को बच्चों के लिए खोलने तक किसी अध्यापक की नियुक्ति न करना शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मनमानी पर को दर्शा रहा है।
प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए तमाम दावा करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है और शिक्षा विभाग के अधिकारी दावे को तार-तार करने में लगे हुए हैं।
इस मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी सिसवा से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नही हो सकी।