
गोरखपुर (डीवीएनए)। गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी के तत्वावधान में उर्दू भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ की सरकारी भाषा घोषित किए जाने पर खुशी की लहर दिखाई दी, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी गई। गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी के कैंप कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी के संस्थापक और शायर एवं समाजसेवी मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का उर्दू में बयान जारी किया गया है। यह एक अच्छी खबर है और इस तरीके से उर्दू विश्व की भाषा बन गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र संघ की तरफ से 6 भाषाओं अंग्रेजी अरबी चीनी फ्रांसीसी रूसी और जापानीस को संयुक्त राष्ट्र संघ में सरकारी भाषा का दर्जा प्राप्त था और अंतर्राष्ट्रीय भाषा की मान्यता मिली थी। संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी क्रियाकलाप इन्हीं भाषाओं में होते थे और इन्हीं भाषाओं में कोई भी बयान जारी किया जाता था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार हुआ है कि कोई पैगाम संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का उर्दू में जारी किया गया है इस तरीके से उर्दू संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बन गई है। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि शमशाद आलम एडवोकेट ने कहा कि उर्दू भाषा विश्व के लगभग 40 से अधिक देशों में बोली जाती है। और संयुक्त राष्ट्र संघ में इसको सम्मिलित करना उर्दू से मोहब्बत रखने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है जिसकी सराहना की जानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि सैयद इरशाद अहमद ने कहा कि अमेरिका इंग्लैंड फ्रांस जर्मनी के कई प्रसिद्ध शहरों में आज भी उर्दू के अखबार निकलते हैं और पत्रिका छपती है और लोग उसको पढ़ते हैं। महानगर अध्यक्ष वसीम मजार गोरखपुरी ने संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ में उर्दू भाषा को सम्मिलित करने की एक खास वजह उसकी लोकप्रियता है। साहित्यप्रेमी और समाजसेवी जावेद अंसारी ने कहा कि इस को संबोधित करने से उर्दू भाषा की लोकप्रियता और बढ़ेगी और इसके प्रचार व प्रसार को फायदा मिलेगा।
अंत में कार्यक्रम के संयोजक इज्जत गोरखपुरी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर अरशद अहमद, एडवोकेट अनीस अहमद, सिराज सानू, आदि उपस्थित रहे।