
बांदा। डीवीएनए
राजकीय मेडिकल कालेज में मरीजों की अब जल्द ही बल्ले-बल्ले हो जायेगी। शासन नें इसको मंजूरी दे दी है। महंगी जांच भी यहां फ्री में होगी।एम आरआई तथा सिटी स्कैन जैसी जांचो की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी।बांदा का राजकीय मेडिकल कॉलेज नरैनी रोड पर करीब छह वर्ष से संचालित है। मरीजों की भर्ती के लिए जहां वर्तमान में 200 बेड की व्यवस्था चल रही है, वहीं कोरोना संक्रमण को लेकर इस समय करीब डेढ़ सौ मरीजों की ओपीडी चल रही है। जबकि कोरोना संक्रमण के पहले तक ओपीडी सात सौ से करीब नौ सौ मरीजों की रही थी। यहां अभी तक एमआरआइ व सिटी स्कैन जांचों की सुविधा नहीं थी। इससे उपचार को आने वाले मरीजों को जांच कराने के लिए निजी केंद्रों में जाना पड़ता था। मरीजों के लिए जहां यह बड़ी दिक्कत थी वहीं चिकित्सकों को भी उपचार करने में परेशानी हो रही थी। शासन ने दस दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिग में राजकीय मेडिकल कॉलेज में जांचों की सुविधा के संबंध में समीक्षा की थी। जिसमें कैबिनेट ने यहां एमआरआइ व सिटी स्कैन जांच की व्यवस्था करने का एप्रूवल दिया है।
भेजी गई कार्ययोजना में बताया गया है कि प्रदेश को चार जोनों में बांटा गया है। जिसमें सेंट्रल जोन में कानपुर, बांदा, जालौन व बहराइच को शामिल किया गया है। बांदा मेडिकल कॉलेज में दोनों जांचों की व्यवस्था पब्लिक प्राइवेट पार्टनर शिप (पीपीपी मोड) से की जाएगी। जिसमें संबंधित कंपनी अपनी ओर से करीब ढाई करोड़ लागत से दोनों मशीनों को लगवाएगी। उन्हीं की ओर से मैन पावर ऑपरेटर रखे जाएंगे। जिनकी ओर से जांच का कार्य संपादित किया जाएगा। कॉलेज की ओर से कंपनी को जगह व बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
कॉलेज का रेडियोलॉजिस्ट विभाग भी अपनी ओर से जांचों की प्रक्रिया में मदद करने के लिए तैयार है। जल्द ही कंपनी को इसका ठेका दिया जाएगा। जगह का सर्वे कर मशीन लगवाने का कार्य शुरू होगा।
जांचों की असुविधा की खबर जब कई बार हमने चलाई तो इसमें सूचना मंत्रालय ने जांच की व्यवस्था न होने के संबंध में कॉलेज प्रशासन से जवाब मांगा था। इसी तरह आयुक्तगौरव दयाल व डीएम आनन्द सिंह ने भी मामले को गंभीर समझते हुए संज्ञान लिया था। इसकी रिपोर्ट शासन के पास भेजी गई थी। इसी के बाद अब जांचों की जल्द व्यवस्था कराने के निर्देश सरकार की ओर से जारी हुए हैं।
संवाद विनोद मिश्रा