
प्रतापगढ़-डीवीएनए। पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद लोगों में कोरोना संक्रमण की बाढ़ आ गयी है।सोमवार को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट में एक दिन में 723 लोग संक्रमित मिले हैं।यह संख्या आज तक का सर्वाधिक रिकार्ड हैऔर मंगलवार को अधिकृत सूचनानुसार 577कोरोना संक्रमित पाये गये जिसे लेकर यहाँ भयावह स्थिति पैदा हो गयी है।इस छोटे से जनपद में बढ़ते हुए संक्रमितों के ग्राफ देखकर स्वास्थ विभाग के आला अधिकारी व कर्मियों के हाँथ पैर फूलने लग गये हैं।जिला अस्पताल में आज भी जरूरी दवाओं आक्सीजन आदि नहीं मिल पा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों को इमरजेन्सी वार्ड में ठूंस दिया जा रहा है।ऐसे जानलेवा संक्रमित मरीजों को इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती कर देने से पहले से भर्ती मरीजों की जान को खतरा पैदा हो गया है। इलाज के लिये मरीज अस्पताल जाने से डरने लगा है।प्राइवेट हास्पिटल के डाक्टर कोरोना के मरीजों को फूटी आंख नहीं देख रहे हैं।बड़े बुजुर्ग इससे पहले आयी किसी महामारी की अपेक्षा कोरोना महामारी को ज्यादा भारी बता रहे हैं।
अस्पतालों में इस समय साँस फूलने के मरीज ज्यादा आ रहे हैं।कोरोना मरीजों को कोविड हास्पिटल में भर्ती नहीं करके अन्य मरीजों के साथ जिला अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है।हर भर्ती मरीज दहशत के माहौल में जी रहा है और बदइंतजामी के कारण अपनी जान गंवा दे रहा है।
इस बदहाली के माहौल में जनपद के नेताओं व प्रतिनिधियों की निगाह अस्पताल की दुर्व्यवस्था पर पड़ नहीं रही है।जहां सूबे के मुख्यमंत्री कोरोना मरीजों की जान की रक्षा व इलाज के लिये रातोंदिन एक किये हैं वहीं लगता है नेता विधायक गण अपना और अपनों की जान बचाने में ही मशगूल है।इस समय अस्पतालों में 5 से 15 लोगों की मौत रोज हो रही है।अभी सोमवार को सीएमएस ने बताया कि सांस की बीमारी से पीडित 9 लोगों की जान चली गई। सीएमओ की नाकामयाबी के आगे लोगों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिये जिला अधिकारी से हस्तक्षेप करने की अपेक्षा की है।