
बांदा-डीवीएनए। जिले में लाल सोना पर खदानों में वर्चस्व कायम करनें में असलहों का जोर चरम पर होता हैं। और बंदूकों राइफलों की नाले धुवाँ उगलती रहती हैं।जिले की नरैनी में लहुरेटा खदान में अवैध खनन और परिवहन को लेकर खदान संचालकों और खनन माफिया के बीच वर्चस्व को लेकर अक्सर जंग हुई है। कई बार खदानों में अवैध खनन को लेकर गोलियां तक चलीं। लहुरेटा खदान कर्मी की कल हत्या की मुख्य वजह भी अवैध खनन और परिवहन है।
क्षेत्र में गिरवां से मध्य प्रदेश सीमा तक करीब दो दर्जन से अधिक बालू खदानें हैं। इनमें रामपुर, बरियारी, मऊ, पाड़ादेव, नसेनी, बारबंद, चांदीपाटी, हर्रई, बिल्हरका आदि गांवों के बालू घाट शामिल हैं। बालू का अवैध खनन कराने पर खदान संचालक और स्थानीय माफिया अक्सर आमने-सामने आ गए। वर्चस्व के चलते बालू घाटों पर कई बार दोनों पक्षों से फायरिंग भी हुई। दो साल पूर्व लहुरेटा बालू खदान कर्मियों और एमपी के खनन माफिया के बीच गोली चली थी। लहुरेटा गांव के ग्रामीण खनन माफिया की राइफल छीन लाए थे। घटना की रिपोर्ट नरैनी कोतवाली में दर्ज है। डेढ़ साल पूर्व बालू खनन पट्टाधारक के कर्मियों से रंजीतपुर गांव के लोगों से बालू ढोने को लेकर विवाद हुआ था। दबंगों ने बालू ठेकेदार के कर्मचारी पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया था। फायरिंग भी हुई थी। कोतवाली पुलिस में इसकी रिपोर्ट भी दर्ज है।
संवाद विनोद मिश्रा