
बांदा (DVNA)। तेजी से बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर बिना उपकरण जांच का अभियान शुरू किया है।”कितनी गजब की बात है की सूत न कपास, जुलाहों में लठ्ठम-लठ ” फिलहाल बिना उपकरण के ग्रामीण इलाकों में पांच दिनों तक यह अभियान नौ मई तक चलेगा। विशेष अभियान के तहत घर-घर लोगों की निगरानी शुरू की गई है। हर एक आशा कार्यकर्ता को रोजाना चालीस घरों में स्क्रीनिग और लक्षणयुक्त रोगियों की पहचान का जिम्मा सौंपा गया है। सर्दी जुकाम, खांसी, बुखार इत्यादि लक्षण मिलने पर मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाना थी।अभियान को लेकर जिले में 15 सौ टीमें लगाई गई हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ग्रामीण बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। आज से शुरू विशेष अभियान में प्रत्येक निगरानी टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ आंगनबाड़ी या शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई है। यह टीम प्रत्येक घर में मौजूद सभी सदस्यों की स्क्रीनिग करेगी। लोगों से बातचीत कर सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी से पीड़ित मरीजों को मेडिकल किट सौंपनी थी।
सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान मिलने वाले लक्षणयुक्त लोगों की सूची भी बनाई जा रही है। आशा यह सूची संबंधित प्रभारी चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराएंगी, ताकि सूची में दर्ज लोगों की विशेष निगरानी की जा सके। उन्होंने बताया कि लक्षणयुक्त व्यक्तियों को मेडिकल किट के साथ एंटीजन टेस्ट भी कराया जाएगा। इसकी भी जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं पर है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एमसी पाल ने कहा कि कोरोना के बारे में जागरुकता के साथ-साथ सफाई भी, दवाई भी, कड़ाई भी और दो गज दूरी – मास्क है जरूरी का संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीमों को निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी घर न छूटे। लक्षणयुक्त व्यक्ति मिलने पर तत्काल दवा मुहैया कराई जाए। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी आवश्यक सामग्री सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने इत्यादि टीमों को उपलब्ध कराएंगे।
विनोद मिश्रा