
बांदा डीवीएनए। पैलानी बालू खदान जो युवा मजदूरों की कब्रगाह बन गई बालू खदान अवैध खनन का अड्डा बताई गई है। पैलानी खदान क्षेत्र के नजदीक मिट्टी के नीचे गहरी खुदाई कर बालू निकालने के स्थान को अड्डी कहा जाता है। खदान संचालकों के रहमोकरम पर इन अड्डियों का संचालन गांव का ही कोई व्यक्ति हथिया लेता है। यहां से निकाली जाने वाली बालू का पैसा वही वसूलता है। और बालू खदान संचालक से धनराशि का बटवारा हो जाता है!इस घटना में भी यही हुआ! तीनों युवा मजदूर कई दिनों से इस अड्डी खदान में आने वाले वाहनों में बालू लोड कर रहे थे। हादसा होने के बाद अड्डी संचालक नदारद हो गया।
खदान में जान गंवाने वाले मजदूर महेश की शादी पिछले वर्ष ही हुई थी। वह घर का कमाऊपूत था। उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि बालू माफिया ने जगह-जगह गहरा खनन करके मौत के कुएं बना दिए हैं। इनमें अभी और हादसे संभावित हैं। हालांकि, खदान संचालक इस हादसे से अपना कोई सरोकार नहीं मानते। उनका कहना है कि उनका खनन नदी किनारे हो रहा है। दूर हटकर होने वाले खनन के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। जबकि बालू खदान संचालक का अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यह कथन झूठ माना जा रहा है।
संवाद विनोद मिश्रा