
बांदा डीवीएनए। हद हो गई, न्यायालय के आदेश की भी अनदेखी। बांदा में यही हुआ है।उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर बेसिक शिक्षाधिकारी को अवमानना की नोटिस जारी की गई है। जिसे सीजेएम की अदालत से कोतवाली प्रभारी के जरिए तामीला कराने का निर्देश दिया गया।
चित्रकूट जिले के मऊ तहसील के खंडेहा गांव निवासी नरेंद्र प्रताप सिंह ने सहायक अध्यापक की नियुक्त के लिए आवेदन किया था। दो वर्ष के प्रशिक्षण के बाद नियुक्ति नहीं होने पर उसने सन-2015 में उच्च न्यायालय में रिट दायर की थी।
नरेंद्र का कहना था कि बीएसए ने उसकी नियुक्त न करके यह कहा कि वह इस पद के लिए योग्यता नहीं रखता है। कोर्ट ने उसके पक्ष में 24 फरवरी 2015 को आदेश दिया। आदेश की प्रति के साथ उसने 12 मार्च 2015 को फिर प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब उसने चार जुलाई 2015 को अवमानना का वाद दायर किया। जिसकी सुनवाई के बाद दस फरवरी 2021 को बीएसए को अवमानना की नोटिस भेजने का आदेश दिया गया। सीजेएम के जरिए छह मार्च तक आख्या मांगी गई है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बांदा हरिश्चंद्र नाथ ने बताया कि यह मामला उनके समय का नहीं है और न ही कोई जानकारी है।
संवाद विनोद मिश्रा