
बांदा (डीवीएनए)। काम नहीं तो दाम नहीं इसी तर्ज पर पंचायत चुनाव भी होगें। यानी प्रधानों नें काम नहीं कराया तो न वह स्वयं चुनाव लड़ सकेंगे और नतो उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ पायेगा।
कारण की गंभीरता क्या हैवह जान लीजिये। 25 दिसंबर 2020 के पूर्व स्वीकृत हुए सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन और वर्ष 2019-20 में स्वीकृत कई कार्य योजनाओं के लिए ली गई धनराशि का 15 फरवरी तक सदुपयोग नहीं हुआ तो ग्राम प्रधान या उनके परिवार का कोई सदस्य पंचायत चुनाव में किसी भी पद पर चुनाव नहीं लड़ पाएगा।
उन्होंने नोड्यूज नहीं जारी होगा। जिला पंचायत राज अधिकारी सर्वेश कुमार पांडेय बताते हैं कि निरीक्षण के दौरान ऐसा देखा गया कि उपरोक्त वर्षों की स्वीकृत योजनाओं में पैसा तो ले लिया गया है, लेकिन काम पूरे नहीं कराए गए। ऐसा करना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में है। पंचायत राज अधिकारी ने सभी निवर्तमान ग्राम प्रधानों से कहा कि लिए गए पैसे के अवशेष कार्य इसी माह 15 फरवरी तक पूरा कराएं। वरना उनके विरुद्ध सरकारी धन दुरुपयोग-गबन की कार्रवाई करते हुए धनराशि वसूली की आरसी जारी की जाएगी। बकायेदार के रूप में उनके नामों की सूची ब्लाक और तहसील स्तर पर चस्पा होगी।
संवाद विनोद मिश्रा