
बांदा डीवीएनए। बुन्देलखंड की खेती के साथ करें बकरी पालन तो लक्ष्मी हो जायेगी खुश करेगी धन वर्षा। जीहाँ यह आश्चर्य जनक हैं,लेकिन वास्तव में हकीकत से ओत-प्रोत।केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के बकरी वैज्ञानिकों की टीम ने बुंदेलखंड के किसानों को खेती के साथ बकरी पालन की भी सलाह दी है। कहा कि इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा।
छनेहरा गांव स्थित बुंदेलखंड जैविक कृषि फार्म के निरीक्षण के लिए पहुंचे अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एके दीक्षित और बकरी वैज्ञानिक डॉ. ब्रज मोहन आदि ने कृषि फार्म का भ्रमण जायजा लिया। फार्म में आधुुनिक बकरी पालन इकाई को देखा। कहा कि बुंदेलखंड के किसानों को पशुपालन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विशेष कर बकरी पालन उनके लिए ज्यादा सुविधाजनक और मुफीद है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि जैविक कृषि फार्म के संचालक असलम खां द्वारा किए जा रहे प्रयास बहुत ही सराहनीय है। यहां नस्ल सुधार और पोषण प्रबंधन भी हो रहा है। पशुओं के लिए साल भर का कई चारा उत्पादन किया जा रहा है। बताया कि प्रगतिशील किसान असलम इसका प्रशिक्षण ले चुके हैं। यह यहां के लिए मॉडल यूनिट है। फार्म संचालक ने टीम को पूरे फार्म का भ्रमण कराकर सारी जानकारियां दीं। साथ ही उनके आगमन पर आभार जताया।
संवाद विनोद मिश्रा