आगरा। (डीवीएनए)कैंसर जैसी गंभीर व जानलेवा बीमारी के प्रति जनजागरूकता के लिए हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है | जागरुकता से ही कैंसर से बचाव किया जा सकता है। जागरुकता से समय रहते कैंसर की पहचान कर उसे सही समय पर डॉक्टर को दिखाकर रोका जा सकता है।
हर तीन वर्ष पर बदलती है थीमसरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुरभी गुप्ता बताती हैं कि कैंसर दिवस की थीम हर तीन वर्ष पर बदली जाती है । वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक तीन साल के लिए विश्व कैंसर दिवस की थीम “मैं हूं और मैं रहूंगा -” रखा गया है।
कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए सावधानी व सतर्कता बहुत जरुरी है। इससे बचाव के लिए इसके विभिन्न कारण और लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। कैंसर के कई प्रकार ऐसे होते हैं, जिनमें बहुत देर में पता चलता है जिससे इलाज में देरी होती है। उन्होंने बताया कि इसके प्रति जागरूकता बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।
तंबाकू का सेवन कैंसर का बड़ा कारणडॉ. सुरभि गुप्ता का कहना है- कैंसर से बचाव के लिए तंबाकू से परहेज करना चाहिए। तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन कैंसर का कारक बन रहा है। इसमें भी पान मसाले के साथ तंबाकू मिलाकर सेवन करना, खैनी खाने से मुंह के कैंसर के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। अब यह युवाओं में भी देखने को मिल रहा है।
मुंह का कैंसर देखने के बाद छोड़ रहे तंबाकूएसएन मेडिकल कालेज में सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर के मरीज आ रहे हैं। इन मरीजों के साथ उनके परिजन भी आते हैं, एक बार मुंह के कैंसर के घाव देखने के बाद तंबाकू खाना बंद कर रहे हैं। यही नहीं, कई मरीज के परिजन के साथ ही रिश्तेदार भी तंबाकू का सेवन बंद कर रहे हैं।
कैंसर के लक्षण ·
स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ।
· एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन।
· कोई ख़राश जो ठीक नहीं हो पाती।
· स्वर बैठना या खाँसीका बने रहना ।
· खाने के बाद असुविधा महसूस करना।
· निगलने में कठिनाई होना।
· वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी।
· असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज।
· कमजोर लगना या बहुत थकावट महसूस करना।
कैंसर होने के खतरे को कम करने के तरीके
तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें।·
कम वसा वाला भोजन करें तथा सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें।
· नियमित व्यायाम करें।
क्यों मनाया जाता है दिवस ?
विश्व कैंसर दिवस मनाने की शुरूआत सन 1933 में हुई, जब अंतर्राष्ट्रीय कैंसर संघ द्वारा जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। इसके अलावा कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इसके भयावह परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर साल चार फरवरी को ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाने का निर्णय लिया। इसका उदेश्य यह था कि इस दिन कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक कर इस भयावह बीमारी से ज्यादा से ज्यादा जिंदगियों को बचाया जा सके।
संवाद:- दानिश उमरी
Digital Varta News Agency