
कासगंज (डीवीएनए)। कोरोना काल में बच्चों के जन्म में अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन के साधन अपनाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अशोकनगर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी शिविर आयोजित किया गया। पहले की तुलना में अब योग्य दंपत्ति परिवार नियोजन के साधनों को ज्यादा अपना रहे हैं द्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए बच्चों में अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधन उपलब् हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डा.आकाश सिंह ने बताया कि ओपीडी करने के साथ ही योग्य दम्पत्ति को परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधन की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। बच्चों में कम से कम 3 वर्ष का अंतराल होना चाहिए क्योंकि स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है, बच्चों में अंतराल रखने के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सीएचसी कासगंज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। गर्भ निरोधक गोली, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, छाया टेबलेट व अंतरा इंजेक्शन परिवार नियोजन के अस्थाई साधन की सुविधा सीएचसी पर है।
चिकित्सा अधीक्षक ने बताया शिविर में चार महिलाओं को पीपीआईयूसीडी, तीन को छाया टेबलेट दी गई, चार को अंतरा इंजेक्शन लगे, शिविर में 51 महिलाओं ने नसबंदी कराई साथ ही दो पुरुष नसबंदी भी कराई गई।
प्रोत्साहन राशि
नसबंदी की सुविधा अपनाने पर पुरुष को 2000 रूपये प्रतिपूर्ति राशि व महिला को 1400 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
अंतरा
अंतरा त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन है, जिसकी पहली डोज डॉक्टर की देखरेख में महिला का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही लगायी जाती है। उसके बाद दूसरी डोज प्रशिक्षित स्टॉफ नर्स या एएनएम के द्वारा लगाई जाती है, जो कि महिलाओं को तीन माह के अंतर पर मासिक धर्म आने के सात दिन के अंदर बिना किसी जांच के दिया जाता है।
छाया
छाया गोली एक साप्ताहिक नान हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है। यह प्रसव या गर्भपात के तुरंत बाद प्रारंभ की जा सकती है। पहले तीन महीने मे हफ्ते मे दो बार लें और उसके बाद हफ्ते में एक बार लें !
माला
माला गोली रोजाना ली जाती है। प्रसव के बाद शुरू करते हैं ।
पीपीआईयूसीडी
सामान्य प्रसव में प्लेसेंटा बाहर आने के 10 मिनट के भीतर या 48 घंटों के अंदर ऑपरेशन के दौरान लगाते हैं। प्रसव के छह हफ्तों बाद गर्भपात के तुरंत बाद अगर संक्रामक न हो तो माहवारी शुरू होने पर पहले दिन से 12 दिन के भीतर कभी दे सकते है।