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बांदा डीवीएनए। जिले में विदेशी पक्षी प्रशासन के लिये बवाले जान बने हुये हैं । बर्ड फ्लू के दौरान बड़ी संख्या में जिले में विदेशी परिंदों के आगमन से वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। इन परिंदों पर विभाग ने पहरा बैठा दिया है। वन विभाग ने पक्षियों की निगरानी के लिए कई टीमों को तैनात भी कर दिया है।
उधर, बर्ड फ्लू के चलते हालात भी बदल गए हैं। जिन विदेशी मेहमानों की आमद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए कौतूहल और आकर्षण का केंद्र होती थी, वही मेहमान परिंदे अब खतरे के वाहक नजर आ रहे हैं।
हर वर्ष ठंड के दस्तक देते ही बड़ी तादाद में साइबेरिया सहित कई देशों से बड़ी तादाद में हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर विदेशी परिंदे यहां आते हैं। बुंदेलखंड में कई तालाब और जलाशय इनके पसंदीदा अड्डे हैं।
कुछ विदेशी पक्षी पानी भरे धान आदि के खेतों में भी अपना पड़ाव डालते हैं। इन्हें देखकर ही लोग काफी खुशी महसूस करते हैं। वन विभाग और कई स्वयंसेवी संगठन इन विदेशी मेहमानों की शिकारियों से निगरानी भी करते हैं। पिछले सालों की परंपरा को बरकरार रखते हुए अबकी भी विदेशी परिंदे जनपद के कई इलाकों में अपना बसेरा बसा चुके हैं।
नरैनी क्षेत्र के रक्सी बांध इनका सबसे ज्यादा पसंदीदा अड्डा है, लेकिन बर्ड फ्लू के मौसम में विदेशी परिंदों ने कई खेतों में बड़ी संख्या में डेरा डाल दिया है। मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित कतरावल गांव में कई खेतों में बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षी और खासकर स्टॉर्क फ्लाक लगलग नामक पक्षियों ने अपना डेरा डाल रखा है।
यह खेतों के पानी में कलरव और अठखेलियां खेल रहे हैं। यह दृश्य काफी दिलचस्प है, लेकिन ग्रामीणों में बर्ड फ्लू का खौफ भी है। पहले इन्हें देखने को लालायित रहने वाले लोग अब इनसे दूरी बनाए हुए हैं। वन विभाग इन्हें लेकर चौकन्ना हो गया है। टीमें इन पर नजर रख रही हैं।
संवाद विनोद मिश्रा