
लखनऊ डीवीएनए। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर जैविक प्रमाणीकरण संस्था का गठन किया गया है। प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार की संस्थाओ द्वारा वर्ष 2020-21 में माह नवम्बर, 2020 तक 21093 हे0 क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 9754.65 हे0 क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया। वर्ष 2018-19 में 388 हे0 क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया। वर्ष 2017-18 में किसानों व किसान समूह का प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 16242 हे0 क्षेत्रफल में पंजीयन का कार्य पूर्ण किया गया।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत 16 जनपदों में 1789 कलस्टर एवं परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत पिछड़े 8 जनपदों में 40 क्लस्टरों का गठन कर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत 25 जनपदों में 500 कलस्टर का गठन कर कृषि विभाग द्वारा एवं नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत 11 जनपदों में 700 कलस्टर का गठन कर यू0पी0 डास्प द्वारा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत चयनित 08 जनपदों में 320 क्लस्टर का गठन कर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। वर्ष 2017-18 में आर0के0वी0वाई0 योजनान्तर्गत पीलीभीत जनपद में 35 क्लस्टर में कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है। इन लाभार्थी कृषको को पी.जी.एस. इण्डिया ग्रीन एवं पी.जी.एस. इण्डिया आर्गैनिक का प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा चुका है। परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत 9 जनपदों में 45 क्लस्टर का चयन कर 2250 एकड़ क्षेत्रफल तथा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हमीरपुर जनपद को जैविक खेती के अन्तर्गत माॅडल जनपद बनाने हेतु 140 क्लस्टर में भी कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है। इन लाभार्थी कृषको को पी.जी.एस. इण्डिया ग्रीन एवं पी.जी.एस. इण्डिया आर्गैनिक का प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक कुल 15 जनपदों के 750 क्लस्टर में कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है तथा कुल 51 जनपदों के 3349 क्लस्टरों में जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है। झांसी व बांदा में भी आर्गेनिक आउटलेट की स्थापना करायी गयी है।