
बांदा (डीवीएनए)। देश का बहुचर्चित बच्चों के चित्रकूट मंडल में जेई द्वारा यौन शोषण के मामले पर्दा दर पर्दा हो रहा है।टीम कोपीडि़त चार बच्चे और मिले हैं। अब तक टीम 39 बच्चे खोज चुकी है। जेई पर 50 से अधिक बच्चों का यौन शोषण करके अश्लील वीडियो व फोटो देश-विदेश में बेचकर लाखों रुपये कमाने का आरोप है। अभी बच्चों की संख्या 80 तक पहुंचने का अनुमान है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ के डिप्टी एसपी अमित कुमार व उनकी टीम निलंबित जेई रामभवन की पत्नी की गिरफ्तारी होने तक 35 पीड़ित बच्चों का पता लगा चुकी थी। जेई की पत्नी से पूछताछ के बाद चार और पीड़ित बच्चे मिले हैं। पीड़ित बच्चों को खोजने के लिए सीबीआइ ने अभी तक चित्रकूट जिले के साथ ही बांदा शहर और नरैनी, हमीरपुर व महोबा में पड़ताल की है। मंडल के चारों जिलों में सीबीआइ छानबीन में जुटी है। ज्यादातर पीड़ित जेई और उसकी पत्नी के करीबी ही मिल रहे हैं। सीबीआइ अब अपराध में मददगार रहे लोगों की भी गहनता से पड़ताल कर रही है। अभी तक करीब 12 वर्षों के रिकार्ड मिले हैं। सीबीआइ टीम इसकी तह तक जाने की कोशिश में जुटी है।
उल्लेखनीय है कि चित्रकूट के सिंचाई विभाग में कार्यरत निलंबित जेई रामभवन को बाल यौन शोषण के मामले में सीबीआइ ने 16 नवंबर को बांदा से गिरफ्तार करके जेल भेजा था। 28 दिसंबर को उसकी पत्नी दुर्गावती को गिरफ्तार किया था। दोनों बांदा जेल में बंद हैं। निलंबित जेई रामभवन के मामले की अब 18 जनवरी को अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में सुनवाई होगी। इस दौरान जेई और उसकी पत्नी जेल में ही रहेंगे।
उल्लेखनीय है की आरोपित निलंबित जेई रामभवन व उसकी पत्नी दुर्गावती के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में सोमवार को सुनवाई होनी थी। सीबीआइ के डिप्टी एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में टीम दोपहर में कोर्ट पहुंच थी, लेकिन साथी अधिवक्ता के निधन के कारण अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण मामला लटक गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता देवदत्त त्रिपाठी व अनुराग पटेल उपस्थित नहीं हुए। उन्हें सीबीआइ की अर्जी पर जवाब दाखिल करना था, जो नहीं हो सका। शाम करीब चार बजे सीबीआइ टीम बैरंग लौट गई थी।
संवाद विनोद मिश्रा