
बांदा (डीवीएनए)। बुंदेलखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है। इससे निपटने के लिए यूं तो सरकार द्वारा योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने घर में पोषण वाटिका तैयार कर सब्जी आदि के उत्पादन से कुपोषण मिटाने की सलाह दी।
कुलपति डॉ.यूएस गौतम ने कहा कि वैज्ञानिक शोध व सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो सर्वाधिक कुपोषित जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में है। इसे दूर करने का सबसे आसान व सरल साधन खाद्य पदार्थ है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड परिक्षेत्र के सभी जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित है। जिसमें पोषण व पोषण वाटिका संबंधी प्रशिक्षण महिलाओं को दिया जाता है। प्रशिक्षित महिलाएं बड़े ही आसानी व प्रभावी ढंग से अपने परिवार के लिए पोषण वाटिका स्थापित कर कुपोषण को मिटा सकती है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ पूरे परिवार की स्वास्थ्य की देखभाल हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सभी परिवारों के पास घर के चारो तरफ व नजदीक में इतना स्थान होता है कि वह अपने परिवार के लिए साल भर सब्जी की उपलब्धता कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि विश्वविद्यालय से पोषण वाटिका के लिए सब्जियों के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं।
संवाद विनोद मिश्रा