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हसरत: बांदा के बेटे ने इलाहाबाद विवि के खोजे 50 हजार पुराने छात्र

बांदा (डीवीएनए)। किसान के बेटे और केंद्रीय इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि छात्र ने लॉकडाउन की छुट्टी में अनोखा काम कर दिखाया। छात्र ने विश्वविद्यालय के पुरा (पूर्व) छात्रों को खोजने की ऑनलाइन मुहिम छेड़ दी। फेसबुक पर ग्रुप बनाकर अब तक लगभग 50 हजार पुराने छात्रों को ग्रुप में जोड़ लिया है। इनमें कई छात्र विदेशों और देश के उच्च पदों पर तैनात हैं।
जिले के बड़ोखर बुजुर्ग गांव निवासी किसान हीरालाल त्रिपाठी का सबसे छोटा बेटा कौस्तुंभ त्रिपाठी इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में एलएलबी तृतीय वर्ष का छात्र है। कौस्तुंभ ने बताया कि लॉकडाउन में सब कुछ बंद था। वह हॉस्टल या घर में वक्त गुजार रहा था तभी यह ख्याल आया कि विवि के पुराने छात्रों को खोजा जाए। कौस्तुंभ ने इलाहाबाद विवि परिवार नाम से फेसबुक पर पेज बना डाला। विधि का छात्र होने के नाते इसकी कुछ गाइडलाइन भी तैयार कर ली। बताया कि इसके पीछे यह मंशा थी कि पुरा छात्रों का मार्गदर्शन और उनके अनुभव शेयर किए जा सकेंगे।
कौस्तुंभ के मुताबिक, अब तक 49 हजार 800 से ज्यादा पुरातन छात्र इस ग्रुप में जुड़ चुके हैं। कौस्तुंभ ने बताया कि पुरा छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वह विवि में अपने बैच का जिक्र, दोस्तों और दोस्ती की यादगारें, एक फोटो और मौजूदा जिंदगानी शेयर करें। बताया कि बड़ी संख्या में पुरा छात्रों ने यह ब्योरा मुहैया कराना शुरू करा दिया है। यह कोशिश अभी आगे भी जारी है।
22 ग्रुप एडमिन, 80 मॉडरेटर
कौस्तुंभ के मुताबिक, फेसबुक इलाहाबाद विवि परिवार में पुरा छात्रों की कई दिलचस्प कहानियां मिल रही हैं। प्रतिदिन पुरा छात्र इसमें जुड़ रहे हैं। इस फेस ग्रुप में 22 एडमिन और 80 मॉडरेटर हैं। पेज संचालन में विवि के छात्र शैलजाकांत त्रिपाठी, अभिषेक मिश्र, रुचि मौर्य, नवीन पाठक, आशुतोष पांडेय, हिमांशु त्रिपाठी, गजेंद्र यादव, अभिषेक सिंह आदि की भी भूमिका है।
विधि छात्र कौस्तुंभ की मुहिम के बाद इलाहाबाद केंद्रीय विवि ने भी 50 हजार पुरा छात्रों को जोड़ने का अभियान शुरू किया है। इसके लिए विवि के हरेक विभाग को कम से कम एक हजार पुरा छात्रों को जोड़ने का दायित्व सौंपा गया है।
दरअसल नेशनल इंस्टीट्यूट रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में इलाहाबाद विवि का ग्राफ है। रैंकिंग में टॉप 200 की सूची में विवि शामिल नहीं हो पाया। अपनी पुरानी छवि वापस लाने को विवि की नई वीसी प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने यह मुहिम शुरू की है। यह जानकारी विधि छात्र कौस्तुंभ ने दी।
संवाद विनोद मिश्रा

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