
बांदा(डीवीएनए)। जनप्रतिनिधि में जब जागरूकता की कमी हो तो उसके क्षेत्र की योजनाएं दम तोड़ देती हैं या फिर नौ दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत चरित्रार्थ करती हैं। बबेरू विधान सभा में भाजपा विधायक चंद्रपाल कुशवाहा जनता में कथित तौर पर अपने इलाके में विकास की पतंग उड़ाने में फिसड्डी के रूप में मसहूर से हैं! शायद इसी का खामियाजा बबेरू विधान सभा भोग रहा है। यह हम नहीं कह रहे क्षेत्र की जनता का यह आंकलन है!
दुर्दशा का उदाहरण भी ले लीजिए यमुना पट्टी के आधा दर्जन से अधिक गांव पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। क्षेत्रीय विधायक चंद्रपाल कुशवाहा अनजान से बने शायद कुम्भकर्ण सी निद्रा में मस्त हैं!गांवों के बाशिदों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 19.86 करोड़ लागत की औगासी ग्राम समूह पुनर्गठन पेयजल परियोजना को लागू किया गया था। शासन ने करीब 11 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी की और काम शुरू हो गया। करीब एक साल से इस योजना का काम रुका हुआ है। कारण बजट की कमी है।बजट उपलब्ध कराने के प्रयास में विधायक की सक्रियता पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
जिले में आधा दर्जन से ज्यादा ग्राम समूह पेयजल परियोजना निर्माणाधीन हैं। शासन से बजट न मिलने का रोड़ा बना है। ऐसे ही जिले की सीमा में स्थित बबेरू की औगासी गांव में दो वर्ष पूर्व 19.86 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल पुनर्गठन ग्राम समूह पेयजल योजना स्वीकृत हुई थी। इसमें क्षेत्र की आठ ग्राम पंचायतों में करीब 18 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना है। शासन ने कुल लागत में से 10.93 करोड़ रुपये दो किश्तों में कार्यदायी संस्था जल निगम 16 वीं शाखा को दे दिए थे। इसमें करीब 68 फीसद कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष बजट के लिए मुख्य अभियंता जल निगम के माध्यम से कई बार शासन को रिमाइंडर भेजा गया, लेकिन शासन से फूटी कौड़ी नहीं मिली।आरोप है कि विधायक ने भी इस योजना कोफूटी आखों देखना भी नहीं सुहाया! लोगों को पेयजल के लिए कड़ी परेशानी सहनी पड़ रही है। खासकर गर्मी के मौसम में यहां के ज्यादातर हैंडपंप जवाब दे जाते हैं। ऐसे में नदियों के पानी से ही गुजर करना पड़ता है।
परियोजना के तहत औगासी व आसपास के आठ गांवों में करीब 82.50 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जानी है। इसमें सात ओवरहेड टैंकों के साथ ही 2.94 किलोमीटर लाइन पड़नी है। ओवरहेड टैंक भरने के लिए 12 नए नलकूप स्थापित होने हैं। इनमें से मेन राइजिग व पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो गया है। ओवरहेड टैंक अधूरे पड़े हैं।
जलनिगम के अधिशाषी अभियंता गौरव चैधरी ने बताया कि औगासी पेयजल परियोजना का कार्य एक साल से भी ज्यादा समय से ठप है। बजट के लिए मुख्य अभियंता के माध्यम से पत्र भेजे गए हैं। उम्मीद है कि जल्द अवशेष धनराशि आएगी। बजट मिलने के बाद काम शुरू कराया जाएगा। यदि नहीं आया तो माशा अल्ला।
संवाद विनोद मिश्रा