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बांदा (डीवीएनए)। एक कहावत हैं बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी। इसी का एक छोटा उदाहरण ग्राम पंचायत विभाग में देखने को मिला। जालसाजी के आरोप में प्रभारी डीपीआरओ संजीव बघेल ने महुआ ब्लाक के कबौली ग्राम पंचायत अधिकारी शशि प्रकाश सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आरोप है कि मानदेय और विकास कार्यों का पैसा प्रधान के बेटे के हस्ताक्षर से निकाले गए हैं। प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। अनुशासनिक कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है।
कबौली के ग्रामीणों ने दो माह पूर्व डीएम को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत के विकास कार्यों और अन्य योजनाओं में प्रधान के पुत्र का हस्तक्षेप रहता है। मानदेय और विकास कार्यों का पैसा भी प्रधान के फर्जी हस्ताक्षरों से निकाले जा रहे हैं।
इस संबंध में सहायक विकास अधिकारी ने कबौली ग्राम प्रधान से स्पष्टीकरण तलब किया। इस पर हलफनामा में प्रधान ने ग्रामीणों की शिकायत की पुष्टि की और बेटे पर जबरन मानदेय और विकास का पैसा निकाले जाने की भी बात कही।
जांच अधिकारी सहायक विकास अधिकारी ने डीएम को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रधान व ग्राम पंचायत के सदस्यों के बयानों व अभिलेखों के आधार पर आरोप सही पाए गए। फर्जी हस्ताक्षरों से विकास का धन निकाला गया।
प्रधान के बैंक व कार्रवाई पंजिका में हस्ताक्षर मिलान नहीं हो रहे हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में ग्राम पंचायत अधिकारी की भूमिका को भी संदिग्ध बताया। प्रभारी डीपीआरओ संजीव कुमार बघेल ने जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम पंचायत अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की है।
संवाद विनो मिश्रा