
बांदा (डीवीएनए)। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य नें किसानों के खिलाफ बड़ा बयान दिया है। केंद्र सरकार की हाँ में हाँ मिलाते हुये किसानों को हठधर्मी तक कह डाला। कहा कि हठधर्मिता छोड़कर किसान केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों का स्वागत करें। किसी के उकसाने पर अराजकता न करें। 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान हुआ, जिसे सहन नहीं किया जा सकता है। कृषि कानून किसान विरोधी नहीं हैं। सरकार इनको वापस नहीं लेगी।
अहंकारी स्वर में उन्होनें यहां तक कह डाला कि और न ही मैं सरकार से बिलों को वापस लेने के लिये कहूंगा, मानो सरकार रामभद्राचार्य के सुझाव पर ही चलती हो। रामभद्राचार्य के इस कथन से किसान तिलमिला गया है। और उनमें रोष भी है। भवा बेस में बहुतों नें रामभद्राचार्य को सत्ता का गणेश परिक्रमा लगाने वाला ढोंगी कथावाचक कें साथ ही उनके चरित्र पर भी कथित तौर पर गुजरे दिँनो की आरोंपों की चरचा में संलग्न दिखे।
पीठाधीश्वर रानी दुर्गावती स्मारक समिति के बैनर तले मेडिकल कॉलेज के प्रेक्षागृह में आर्ट एंड क्राफ्ट स्टूडियो की ओर से आयोजित दिव्यांगों के दिव्यपथ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि थे। उसी दौरान वह दिव्यागों के प्रति अपनी भावना को उकेरते हुये किसानों पर बोली के रूप में गोली चला बैठे।
जगद्गुरु ने कहा कि दिव्यांगों को संवेदना नहीं, सहयोग की जरूरत है। जब तक उनकी सांसें चलेंगी, वह दिव्यांगों के लिए हर प्रयास करते रहेंगे। वह चाहते हैं कि दिव्यांग विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा मिले। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ जगद्गुरु के साथ आइजी के सत्यनारायण, विधायक राजकरण कबीर व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ मुकेश यादव ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। भजन गायिका विधि शर्मा ने अपनी प्रस्तुति से सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। अमारा और भाव्या ने संगीतमयी श्रीराम कथा पर लाजवाब प्रस्तुति दी उन्हें नकद धनराशि देकर पुरस्कृत किया गया। दिव्यांग छात्रों ने योग को लेकर प्रदर्शन करके तालियां बटोरीं। जगद्गरु ने रश्मि गुप्ता, निशा को ऐसे प्रयास के लिए शाबाशी दी। उन्होंने छोटी बच्चियों को गले लगाकर आशीर्वाद दिया। दिव्यांग किसान देवराज को सम्मानित किया।
इस दौरान रैंप पर दिव्यांगों ने प्रतिभा का लोहा मनवा साबित किया कि वह सामान्य बच्चों से कम नहीं हैं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने दिव्यांगों की प्रतिभा को देखकर उसकी सराहना की।
संवाद विनोद मिश्रा