
बांदा डीवीएनए। कृषि विश्वविधालय में प्रवेश करते ही किसान मेला में स्टालों की लाइन है। यहां उत्तराखंड, पंजाब जैसे राज्यों के स्टाल लगे हैं,जो आकर्षण का केंद्र बनें हैं।पंजाब से आए निक्रा के एसआरएफ विक्रमजीत सिंह ने किसानों को सुपर एमएस व हैप्पी सीडर जैसे यंत्रों के बारे में बताया। कहा कि स्टाल आइसीएआर द्वारा लगाया गया है।
उत्तराखंड के शिविर में अमृत पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने मडुवा व गेहूं की विभिन्न प्रजातियों के बीज रखे है। कहा कि मडुवा में पोषक तत्व पाए जाते हैं जो निचले पर्वतीय क्षेत्र व घाटियों में पैदा होता है। यह मड़ुआ किसानों को लुभा रहा है।वहीं उत्तराखंड के ही भुवनबेलवाल व पंजाब के नरेंद्र सिंह ने मेले में आयी महिलाओं को स्वयं सहायता समूह की सदस्यों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद की जानकारी कराई। इनके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की दीदियों द्वारा स्टाल लगाकर अपने-अपने उत्पाद सजाए गए हैं। इनमें हमीरपुर का मसाला, पापड़, महोबा का गौरा पत्थर, प्रयागराज की मूंज, झांसी का साबुन, बांदा की दाल-दलिया, दुग्ध, चित्रकूट के लकडी के खिलौने, सोनभद्र के बांस उत्पाद, बागपत के बेडशीट, कवर दरी, उन्नाव के गुड़, दाल लगाए गए हैं।
संवाद विनोद मिश्रा