
बांदा डीवीएनए। चित्रकूटधाम मंडल में स्वच्छ भारत मिशन की स्थित काफी हद तक माशा अल्ला हैं। बांदा में तो डीएम आनन्द सिंह नें पंचायत विभाग पर अपने प्रत्यंचा की टंकार की तो योजना गति पकड़ गई पर अन्य जिलों में स्थिति आकड़ों की बाजीगरी होगी, इसलिये आयुक्त को हम सतर्क कर देना उचित समझते हैं। ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में देरी और अनियमितता को परखने के लिए मंडलायुक्त निरीक्षण करेंगे। नवनिर्मित सामुदायिक शौचालयों का 10 से 15 फरवरी के बीच लोकार्पण किया जाना है।
मंडल के चारों जनपदों में 1407 शौचालय बनाए जा रहे हैं। शासन ने इनके निर्माण की लक्ष्मण रेखा 10 फरवरी व लोकार्पण के लिए 15 फरवरी तक तिथि निर्धारित की है। चित्रकूटधाम मंडल में निर्माण की गति बेहद धीमी है। अधिकांश शौचालयों में वॉश बेसिन, फ्लेशर, सबमर्सिबल, जलापूर्ति, स्नान गृह आदि नहीं है। फर्श, टाइल्स, दरवाजा, पुट्टी, पेंट, चित्रांकन भी अधूरा है। आयुक्त दिनेश कुमार सिंह शनिवार से स्थलीय निरीक्षण के लिए निकलेंगे। वह प्रत्येक विकास खंड के दो शौचालयों देखेंगे। अधूरे निर्माण युद्धस्तर पर पूरे कराए जा रहे हैं। मंडल में अब तक महज 73.35 फीसदी शौचालय बनकर तैयार हुए हैं।
बांदा में बड़ोखर ब्लॉक के महोखर, तिंदवारी, जसपुरा ब्लाक में पिपरोदर व अमारा, कमासिन ब्लाक में खरौली व बिनवट, तिंदवारी ब्लाक में भुजौली व खप्टिहाकलां, बबेरू ब्लाक में पिस्टा व रगौली, नरैनी ब्लाक में लहुरेटा व पोंगरी, बिसंडा ब्लाक में ओरन ग्रामीण, व भदेहदू और महुआ ब्लाक में गोखिया व माधवपुर में किसी का निरीक्षण होगा। इनकेरखरखाव की जिम्मेदारी ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी जाएगी। इन्हें मानदेय के रूप में 4000 रुपये और सामग्री के लिए 3000 रुपये दिए जा रहे हैं।
मंडल में 90 फीसदी सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूरा हो गया है। अवशेष शौचालयों का निर्माण 10 फरवरी तक पूरा करा लिया जाएगा। डीपीआरओ व खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शौचालयों का निर्माण व सुविधाएं शासन के मानक के अनुसार की जाएं।
संवाद विनोद मिश्रा