
बांदा डीवीएनए। बुंदेलखंड के नगरीय क्षेत्रों में गोवंश वन्य विहार खोले जाएंगे। इनकी लागत 1.20 करोड़ होगी। वन्य विहार में एक हजार अन्ना पशु रखे जाएंगे। प्रदेश के गोसेवा आयोग उपाध्यक्ष जसवंत सिंह ने मंडलायुक्तों को पत्र भेजकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
गोवंश वन्य विहार ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं। अब इन्हें शहरी क्षेत्रों में भी स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के गोसेवा आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर नगरीय क्षेत्रों में वन व अन्य संबंधित विभाग सुरक्षित वन क्षेत्र के निकटवर्ती राजस्व भूमि में क्षेत्रीय आवश्यकता अनुसार एक या इससे अधिक गोवंश वन्य विहार की स्थापना के लिए भूमि चिह्नित करें। साथ ही इसके लिए कार्ययोजना बनाएं।
उपाध्यक्ष ने कहा कि अब तक किसी भी जनपद में इसकी कार्ययोजना तैयार नहीं की है। जल्द ही भूमि का चिन्हांकन कर कार्ययोजना तैयार की जाए। गौरतलब है कि डेढ़ हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनने वाले शहरी वन्य विहार में 4500 वर्ग फीट के छह टिनशेड, 10 फीट लंबी छह चरही, कटिया मशीन, ट्यूबवेल, पांच हजार लीटर की दो पानी की टंकी, गोबर गैस प्लांट, चौकीदार कक्ष आदि बनाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के गोवंश वन्य विहार की क्षमता 500 है।
चित्रकूटधाम मंडल के बांदा के रगौली भटपुरा, बड़ागांव, महोबा में काहेला कला, घुटबई, चित्रकूट में रसिन, छीबों, हमीरपुर में जखेड़ी और मौदहा में ‘गोवंश वन्य विहार स्थल’ चल रहे हैं। चालू वित्तीय वर्ष में बांदा को तीन, महोबा को दो व चित्रकू ट को दो गोवंश वन्य विहार स्थल के निर्माण की शासन ने और मंजूरी दी है।
उप निदेशक पशुपालन मनोज अवस्थी ने बताया की नगरीय क्षेत्रों में जल्द गोवंश वन्य विहार के निर्माण की कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी। इसके लिए वन विभाग और राजस्व विभाग लिखकर वन क्षेत्र एवं खाली भूमि का ब्योरा मांगा गया है।
संवाद विनोद मिश्रा