
बांदा डीवीएनए। जनपद में ड्रोन सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इसे वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च तक पूरा कराया जाना है। अतर्रा तहसील सर्वे और आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) में सबसे आगे है। यहां 5203 परिवारों को चिह्नित किया गया है। इन्हें गणतंत्र दिवस को अतर्रा तहसील परिसर में शिविर में प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे।
बांदा तहसील के 10 गांवों में पिछले वर्ष ही घरौनी प्रमाणपत्र वितरित किए जा चुके हैं। उधर, जनपद की पांच तहसील और आठ ब्लाकों के 1100 गांवों का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। केंद्र सरकार ने सरकारी जमीनों पर आवासीय मकान बनाकर रहे रहे लोगों को मालिकाना हक देने की योजना सितंबर 2020 में शुरू की है।
लेखपालों से स्थलीय सर्वे कराकर बांदा तहसील के 10 गांवों में 3240 लोगों को चिह्नित कर 11 अक्तूबर व अतर्रा के 8 गांवों के 676 लोगों को आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) प्रमाण पत्र दिए गए थे।
शासन के नए आदेशों के बाद की पांच तहसील व आठ ब्लाकों के 1500 गांवों का ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। अतर्रा में 21 गांवों के सर्वे का काम पूरा हो गया हैं। 5,203 चिह्नित को 26 जनवरी को तहसील परिसर में आयोजित शिविर में प्रमाणपत्र वितरित किए जाएंगे।
एडीएम संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि बबेरू तहसील मेें 150 गांवों में 80 गांवों का ड्रोन सर्वे हो चुका है। 77 गांवों के सर्वे का काम चल रहा है। इसके बाद नरैनी में 110, पैलानी के 155, बांदा तहसील के 110 गांवों का ड्रोन सर्वे कराया जाना है। जिले में कुल 1100 गांवों का ड्रोन सर्वे कराया जाना है। मार्च के पूर्व सर्वे पूरा कराकर प्रमाण पत्रों का वितरण किया जाएगा।
संवाद विनोद मिश्रा