
बांदा (डीवीएनए)। इसे दुर्भाग्य और उदासीनता नहीं तो और क्या कहा जायेगा कि प्रदेश के 18 जनपदों में लागू की गई बुंदेलखंड में इकलौती पुष्टाहार निर्माण इकाई का निर्माण शुरू नहीं हो सका। आश्चर्य की बात यह भी हैं कि यूनिट के लिए अब तक भूमि का भी चयन नहीं हो सका। शासन ने पिछले वर्ष इसे मंजूरी दी थी। पर अब तक काम शुरू नहीं हो सका। महत्वपूर्ण योजना मजाक बन गई। शासन की निगाहें करम हुई तो अब इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उपायुक्त स्वतरू रोजगार को भेजे गए आदेशों में कहा कि प्रदेश के 18 जनपदों के 204 विकास खंडों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार आपूर्ति के लिए सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशियन प्रोडक्शन यूनिट यानी पुष्टाहार इकाई यूनिट स्थापित की जानी है, लेकिन यूएन-वर्ड फूड प्रोग्राम की मदद से जनपद फतेहपुर को छोड़कर अन्य जनपदों में यूनिट की स्थापना कार्य शुरू नहीं हुआ।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर भूमि का चयन कर कार्य शुरू कराया जाए। डिप्टी कमिश्नर (एनआरएलएम) कृष्ण करुणाकरण पांडेय ने बताया कि पुष्टाहार यूनिट की स्थापना के लिए भूमि चयन प्रक्रिया चल रही है। भूमि उपलब्ध होने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशियन प्रोडक्शन यूनिट में आंगनबाड़ी केंद्रों में कुपोषित बच्चों, धात्री महिलाओं के लिए पुष्टाहार तैयार होगा। बुंदेलखंड में 11,789 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें 56 हजार बच्चे और महिलाओं का लाभान्वित होने का दावा किया गया है। इन केंद्रों में अभी पुष्टाहार की आपूर्ति पंजाब व हरियाणा की कंपनी कर रही है।
महिला समूह चलाएंगे यूनिट
यूनिट की स्थापना के लिए एक एकड़ जमीन की जरूरत होगी। यूनिट की स्थापना का काम स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। समूह को 30 फीसदी अनुदान पर अधिकतम 40 लाख रुपये का ऋण दिलाया जाएगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के साथ केंद्रों को गुणवत्तायुक्त पुष्टाहार मिलेगा।
जिन जिलों में जिलों में यूनिट स्वीकृत है उनमें बांदा, फतेहपुर, औरैया, इटावा, कन्नौज, उन्नाव, अलीगढ़, आंबेडकर नगर, बागपत, बिजनौर, चंदौली, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मीरजापुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर हैं।
संवाद विनोद मिश्रा