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बांदा। डीवीएनए
वफा जिनसे की वह बेवफा हो गये। जी हाँ केंद्र सरकार ने चित्रकूटधाम मंडल के किसानोंसे बेवफाई दिखाई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में चित्रकूटधाम मंडल से मुंह फेर लिया!मंडल के किसानों को स्प्रिंकलर पाइप योजना के दूसरे साल ही बजट के झटके का हमला सहना पड़ रहा है। योजना के पहले वर्ष पिछले साल केंद्र सरकार ने इसके तहत 82.41 करोड़ रुपये का बजट दिया था, लेकिन इस वर्ष 2020-21 में मुंह मोड़ एक रुपया भी नहीं दिया। मंडल के किसानों को 90 फीसदी छूट पर मिलने वाले ड्रिप और स्प्रिंकलर सेट का बेसब्री से इंतजार है,पर क्या होगा जब केंद्र सरकार बेवफाई कर रही है।
पिछले वर्ष लगभग 15 हजार किसानों को योजना का लाभ मिला था। उद्यान विभाग वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही इसके लिए बजट का प्रस्ताव भेज चुका है। ये योजना पिछले साल से लागू हुई है। चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों बांदा, महोबा, हमीरपुर और चित्रकूट को पहले वर्ष में 82.41 करोड़ रुपये मिले थे। इससे किसानों ने ड्रिप व स्प्रिंकलर सेट के जरिए 20,161 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की थी। मंडल में पानी की कमी के चलते स्प्रिंकलर सेट पद्धति किसानों को काफी पसंद आई, लेकिन योजना के दूसरे ही साल उन्हें निराशा हाथ लगी है। इस वर्ष इस योजना में सरकार ने कोई बजट नहीं दिया। अलबत्ता प्रशिक्षण के लिए चारों जिलों को 50-50 हजार रुपये दे दिए।अबकी बजट के अभाव में लाभार्थी किसानों का चयन योजना के लिए नहीं किया गया। ऐसे में प्रशिक्षण भी नहीं हुआ। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में ड्रिप और स्प्रिंकलर योजना से मंडल में 21,903 हेक्टेयर क्षेत्रफल सिंचाई का लक्ष्य रखा गया था। उद्यान विभाग ने इसके लिए 61 करोड़ 82 लाख रुपये का बजट वित्तीय वर्ष की शुरुआत में मांगा था। करीब नौ महीने बीत गए, लेकिन सरकार से बजट नहीं मिला। किसान विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। विभागीय अधिकारी अभी भी बजट आने की उम्मीद जता रहे हैं। बजट आने के उम्मीद में उद्यान विभाग ने लाभार्थी किसानों का चयन शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (आधुनिक) का उद्देश्य है कि कम पानी में किसान बेहतर सिंचाई कर सकें। इससे अत्यधिक जल दोहन पर भी कमी आएगी। किसान खेत में पाइप डालकर पानी के फव्वारे से सिंचाई करते हैं। इससे करीब 80 फीसदी पानी की बर्बादी रुकती है। योजना (आधुनिक) के तहत एक हेक्टेयर से पांच हेक्टेयर तक के किसानों को स्प्रिंकलर सेट दिया जाता है। एक हेक्टेयर वाले किसान के सेट की लागत 25,500 रुपये है। इसमें सरकार 90 फीसदी अनुदान देती है। कमोवेश यही स्थिति पांच हेक्टेयर के किसानों की है। मूल लागत में 90 फीसदी का अनुदान इनको भी दिया जाता है।
योजना के तहत स्प्रिंकलर सेट लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर किसानों का चयन किया जाता है। योजना के तहत स्प्रिंकलर, पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन, रेन गन आदि लघु और सीमांत किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर दिया जाता है। इसमें 50 प्रतिशत केंद्र सरकार का अंश और 40 फीसदी राज्य सरकार का अंश शामिल है। सामान्य किसानों को 75 फीसदी अनुदान पर दिया जाता है। 25 फीसदी किसानों को स्वयं लगाना होता है।
संवाद विनोद मिश्रा