
मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा (डीवीएनए)। पहले बच्चे की डिलीवरी कराने के लिए निजी अस्पताल में भर्ती महिला के बच्चे की मौत के बाद गर्भवती महिला के परिजनों को बताए बिना महिला की बच्चेदानी निकाल दिए जाने का मामला सामने आया है। इस दौरान महिला के परिजनों ने विरोध किया तो अस्पताल संचालक ने उनके साथ गाली गलौच की बाद में हालात बिगड़ते देख मोके से फरार हो गया।
निजी अस्पतालों की मनमानी अब अपने चरम पर पंहुचने लगी है ताजा मामला नगर के रतुपुरा मोड़ स्थित एक निजी अस्पताल में देखने को मिला जंहा तहसील क्षेत्र के ग्राम विजय रामपुर की एक महिला को उसके पहले बच्चे की डिलीवरी के लिए इस निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गर्भवती महिला को अस्पताल के संचालक ने कुशल और काबिल चिकित्सकों की देखरेख में डिलीवरी कराये जाने का आश्वासन दिया और महिला को भर्ती कर लिया बाद में मरीज को बताया गया कि बच्चा पेट मे मर गया है ऑपरेशन करना होगा।
गर्भवती महिला का ऑपरेशन किया गया और तीन दिन बाद मरीज के परिजनों को बताया गया कि महिला की बच्चेदानी निकाल दी गई है इतना सुनते ही मरीज के परिजनों के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई और उन्होंने इस बात का विरोध करते हुए अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि उनका बच्चा मर गया और अब ये महिला कभी मां नही बन पाएगी।
बताया गया कि हंगामा होते देख पहले तो नशे में धुत अस्पताल संचालक ने मरीज के परिजनों को हड़काने का प्रयास करते हुए उनके साथ गाली गलौच की लेकिन जब उसने हालात ज्यादा बिगड़ते हुए देखे तो वह पास ही मौजूद नाले को कूद कर मोके से फरार हो गया। दो दिन तक मरीज को लिए उसके परिजन अस्पताल में ही पड़े रहे लेकिन संचालक नही लौटा बाद में मरीज के परिजनों ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर उक्त निजी अस्पताल के संचालक पर कार्यवाही की अपील पुलिस से की तो अस्पताल संचालक बिल से बाहर निकल आया और समझौते की बात पर आ गया। कुछ लोगों के बीच में पड़ जाने और उनके द्वारा रोगी महिला के पति को उल्टा सीधा डर दिखा कर इस गंभीर मामले में महज एक लाख रुपये दिला कर समझौता करा दिया गया।
बताते चलें कि अस्पताल संचालक व इस अस्पताल के चिकितसकों की घोर लापरवाही के चलते जंहा एक बच्चे की पैदा होने से पहले ही मौत हो गई वंही जिन्दगी भर एक बेचारी महिला कभी मां नही बन पाएगी।
संवाद यामीन विकट