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बांदा (डीवीएनए)। कोचिंग सेंटरों की पढ़ाई ऩे हाईस्कूल तथा इंटर कालेजों के अध्यापन को पटक दिया है। कोचिंग व्यवस्था स्कूलों पर भारी पड़ रही है।इन परिस्थितयो में जहां कोचिंग सेंटरों में छात्र-छात्राओं को 70 फीसदी कोर्स पूरा करा दिया गया है, वहीं कॉलेजों में 40 फीसदी पर ही कोर्स दम तोड़ रहा है। कालेज संचालक इस हार का दोषअध्यापकों की कमी और कोरोना संक्रमण को मान रहे हैं।
आपको बता दें की जिले में 188 हाईस्कूल और इंटर कालेज हैं। इनमें 44 राजकीय हैं। राजकीय कालेजों में सहायक अध्यापकों के 278 पद स्वीकृत हैं। इनमें सिर्फ 65 ही ड्यूटी कर रहे हैं। 213 पद रिक्त हैं। हर साल इनमें अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते अक्तूबर में सत्र शुरू हो पाया, वह भी आधा-अधूरा।ऑनलाइन शिक्षा से कोर्स पूरा कराने की कोशिश की गई, लेकिन वह सफल साबित नहीं हुई।
करीब छह माह से खुले कॉलेजों में पूरी तरह से शिक्षण कार्य नहीं शुरू हो सका। इन परिस्थितियों के कारण मौजूदा शिक्षा सत्र के आठ माह बीत जाने के बाद भी हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में बमुश्किल 40 फीसदी ही कोर्स पूरा हो पाया है। दूसरी तरफ कोचिंग सेंटर महामारी के दौर में भी अपनी कक्षाएं चलाते रहे। कई पंजीकृत कोचिंग संस्थानों में अतिरिक्त कक्षाएं चलाईं। इसका नतीजा यह हुआ कि कोचिंगों में छात्र-छात्राओं को अब तक लगभग 70 फीसदी कोर्स पढ़ाया जा चुका है। कोर्स पूरा न होने से हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं परेशान हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार का कहना है की कोरोना संक्रमण से हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में पढ़ाई तो प्रभावित हुई है। ऑनलाइन कक्षाएं चलाकर छात्र-छात्राओं का पढ़ाने की कोशिश की गई, लेकिन संसाधनों की कमी आड़े आई। अब विद्यालय खुल गए हैं। बच्चों का कोर्स पूरा कराने की पूरी कोशिश की जा रही है, प्रधानाचार्यों को इसके लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
सवांद विनोद मिश्रा