
बांदा डीवीएनए। पचास से ज्यादा मासूमों के यौन उत्पीड़न व विदेशों तक अश्लील सामग्री की खरीद फरोख्त करने वाले निलंबित जेई रामभवन के करीबियों की सांसें थम सी गई हैं। पूरे मामले की पर्त उधेड़ रही सीबीआइ के चंगुल में अभी कई ऐसे लोग आ सकते हैं, जो घिनौने काम के कहीं न कहीं साझीदार रहे हैं। 35 से ज्यादा पीड़ित बच्चों की पहचान कर चुकी सीबीआइ के पास शिकार हुए मासूमों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। कयास है कि आरोपित की पत्नी को भी गिरफ्तार करने वाली सीबीआइ कई ऐसे चेहरे जल्द बेनकाब कर सकती है, जो चौंकाने वाले होंगे।
कर्वी के सिचाई विभाग में तैनात निलंबित अवर अभियंता रामभवन को बच्चों के यौनशोषण के आरोप में सीबीआइ ने गिरफ्तार कर 16 नवंबर को अदालत में पेश किया था। उसके पास से नकदी, लैपटॉप और मोबाइल के अलावा पेनड्राइव भी बरामद हुई, जिसमें उसकी काली करतूत छिपी है। हालांकि लगभग दस वर्ष पुरानी कई वीडियो क्लिप जांच टीम के सामने परेशानी का सबब बनी हुई हैं, पर समय के साथ सीबीआइ उसमें दिखाई देने वाले बच्चों के चेहरे पहचान उन तक पहुंच गई। सीबीआइ से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के बाद बच्चों के नाम सामने आते गए। मंडल कारागार में बंद निलंबित जेई को रिमांड पर लेने के बाद सीबीआइ के हाथ कई अहम सुराग लगे, जिनके आधार पर जांच की दिशा आगे बढ़ती गई। बाद में सीबीआइ ने उसकी पत्नी दुर्गावती को धमकाने व अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।
इधर, सीबीआइ ने आरोपित के उन करीबियों तक अपना जाल फैला दिया है, जो कहीं न कहीं उसके राजदार रहे और किसी न किसी रूप में बच्चों के गुनाहगार बने। हालांकि सीबीआइ अभी केवल बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर के अलावा उन जिलों तक अपने तार फैला चुकी है, जहां तक किसी न किसी रूप में आरोपित निलंबित जेई रामभवन के संपर्क रहे हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ जल्द ही कुछ और चेहरे बेनकाब कर सकती है। अदालत में सीबीआइ की तरफ से पैरवी कर रहे सहायक शासकीय अधिवक्ता मनोज दीक्षित का कहना है कि जल्द ही कई और तथ्य सामने आ सकते हैं। इस मामले में आरोपित जेई और उसकी पत्नी की चार जनवरी को अदालत में सुनवाई होनी है।
संवाद विनोद मिश्रा