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देश में आम आदमी पार्टी ही भाजपा का विकल्प है : फ़ैसल लाला

रामपुर डीवीएनए। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल जी के द्वारा चुनाव में सशक्त भाग लिए जाने की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के प्रति बढते जनादेश के अंतर्गत आज एक सभा गांव- चंद्रपुरा जदीद, तहसील- बिलासपुर, जनपद- रामपुर में डॉक्टर शाहिद अहमद, अफसर, नूर हसन, अहमद नबी, अलीहसन, सलीम अहमद (मेंबर) अमीर अहमद आदि लोगों के आह्वान पर आयोजित की गई। जिसे आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर उनके साथ विधानसभा महिला अध्यक्ष – मय्यसरा बी, इदरीस अंसारी उर्फ पप्पू (जिला उपाध्यक्ष), जाहिद अंसारी (जिला सचिव), फैसल मियां (जिला सचिव – अल्पसंख्यक मोर्चा) आदि शामिल रहे।

      सभा को संबोधित करते हुए फैसल लाला ने सरकार को चारों ओर से घेरा और जनता की समस्याओं से संबंधित सभी मुद्दों को उठाया। जिनमें शिक्षा, स्वास्थ, बिजली, महंगाई, किसान बिल जैसी समस्याओं का विशेष आकर्षण रहा। इसके साथ ही फैसल लाला ने सरकार की कमियां गिनाते हुए दिल्ली सरकार के मॉडल पर उत्तर प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी के शासन लाए जाने पर बल दिया। 

        उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की बसों में किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है। टूटी फूटी और जर्जर बसो मे लोगों को सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। किंतु दिल्ली के अंदर एसी बसों में महिलाओं को फ्री सफर करने की सुविधा दी गई है, जिसमें महिला सुरक्षाकर्मी तैनात है। दिल्ली के अंदर पेंशन ₹2500 दी जाती है जबकि उत्तर प्रदेश में पेंशन ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद बड़ी मुश्किल से ₹500 की पेंशन बन पाती है। दिल्ली के अंदर महिलाओं की सुरक्षा के लिए समुचित लाइट एवं कैमरा व्यवस्था से सुसज्जित व्यवस्था सरकार द्वारा दी गयी हैं। जहां महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं और किसी भी समय कही भी आ जा पाती हैं जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं है। ऐसी व्यवस्थाओं के अभाव में महिलाओं के प्रति उत्तर प्रदेश में अपराध बढते जा रहे हैं। जिन पर अंकुश लगाए जाने की बेहद जरूरत है। ऐसे में सत्ता परिवर्तन की बेहद आवश्यकता है।

      रामपुर के कद्दावर नेताओं पर बोलते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष का कहा है कि रामपुर के मंत्री रह चुके राजनीतिज्ञों की कलम में इतनी ताकत थी कि उनकी छोटी सी कोशिश भी बंद पड़ी शुगर फक्ट्रियों को चलाकर यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान कर सकते थे मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपनी खुद की यूनिवर्सिटी खड़ी कर उसे कमाई का एक जरिया बना लिया है। जिसमें रामपुर की जनता ने चंदा दिया है। साथ ही विदेशों से भी सहयोग राशि आई है और उन्होंने सरकार में रहते हुए 5000 बीघे की यूनिवर्सिटी को खड़ा कर लिया है। जिसमें बड़ी मोटी रकम लेकर बच्चों के दाखिले किए जाते हैं। जबकि प्रचारित किया जाता है कि यूनिवर्सिटी में कौम के लिए बच्चों को कम पैसों में शिक्षा दी जाती है। जो सरासर झूठ है। प्रदेश ने अनेक सरकारों का हाल देखा है जिसमें कांग्रेस, बसपा, सपा और अब भाजपा भी पद आसीन है। मगर किसी ने भी रामपुर की जनता को कुछ नहीं दिया। इस कड़कती सर्दी में भी किसान सड़कों पर अनशन करने को मजबूर है। सरकार को अपना किसान विरोधी बिल वापस लेना होगा। किसान फसल को बड़ी मेहनत करके उगाता है। पूंजीपति लोग उस पर अपना मार्का लगाकर मनमाने दामों पर बेचेगें। ऐसे किसान विरोधी बिल का हम भरपूर विरोध करते हैं।

ज़िला अध्यक्ष अंसार अहमद ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अकेले बैठकर विकास के बारे में सोचते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के नेता लोगों को आपस में लड़ा कर किस प्रकार चुनाव जीता जाए इन योजनाओं में व्यस्त रहते हैं। चुनाव के समय मंदिर मस्जिद के नाम पर लोगों को बांटकर वोटों का ध्रुवीकरण किया जाता है। इन्हीं नफरत की राजनीति में पडकर हम अपने को बहुत पीछे कर चुके हैं, एक ईमानदार पार्टी ही उत्तर प्रदेश का समुचित विकास कर सकती है। जो व्यक्ति चुनाव में पैसे के बल पर चुनाव जीतते हैं वह उसी समाज से उस धन की उगाही करते हैं इसलिए अब अच्छे लोगों को राजनीति में लाकर राजनीति का मौका दिया जाए।

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