लखनऊ(डीवीएनए). राजधानी लखनऊ में जमकर पतंगबाजी होती है. यह पतंगबाजी का इतिहास बहुत पुराना है l कहा जाता है बादशाह लोगो ने इसका खूब लुफ्त उठाया l आपको बता दें पतंग लड़ाने की शुरुआत 1800 से नवाब स आदत अली खा ने शुरू की.
कुछ लोग तो कहते है बिजली की देन भी पतंगबाजी ही है l 1752 में अमेरिका के वैज्ञानिक फ्रैंकलिन भी पतंग उड़ा रहे थे कि अचानक आकाशीय बिजली चमकने से उनके हाथ में झनझनाहट हुई और इसी आधार को रख कर बिजली का आविष्कार हो गया l आज की तारीख में यह पतंगबाजी का बाज़ार खाली उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपए का व्यापार करता है l
वहीं यह पतंगबाजी लखनऊ महोत्सव की शान रही है l मगर वहीं कुछ लोगो की गलत नजर इस पतंगबाजी के शौक पर पड़ गई है l ऐसा लगता है वो इस व्यापार को फीका बनाने में लगे है जिससे कि लाखों लोगों के घर चलते है l
भारतीय मांझे को भी चाइनीज मांझा बताकर पतंगबाजी को बदनाम करने की साज़िश करते नजर आ रहे है l
ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि पतंगबाजी के इस शौक को जिंदा रखने के लिए उत्तर प्रदेश के कुछ चुनिंदा जिलों में पतंग पार्क का निर्माण करवाए जिसमे कम से कम पचास टीम पतंगबाजों की एक साथ सौक़ कर सके l
संवाद अज़हर उमरी