मनरेगा है उदास, नहीं हो पा रहा श्रमिकों का उद्धार - NUMBER ONE NEWS PORTAL

NUMBER ONE NEWS PORTAL

मेरा प्रयास, आप का विश्वास

myupnews

Comments

मनरेगा है उदास, नहीं हो पा रहा श्रमिकों का उद्धार

बांदा डीवीएनए। कैसे श्रमिकों के पेट की बुझेगी ज्वाला?क्योकि मनरेगा शासन की मंशा के अनुरूप गतिशील नहीं है, यह चिंतनीय विषय है की मनरेगा के कन्वर्जेंस से काम कर रहे विभागों की प्रगति नौ दिन चले अढ़ाई कोस है।
आकड़ों पर गौर करें तो मौजूदा वित्तीय वर्ष में सहयोगी विभागों को नौ लाख 69 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार देना था लेकिन अभी तक 20 फीसद से भी कम लोगों को यह विभाग काम दे पाएं हैं।
मनरेगा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी रोजगारपरक योजना है। योजना में कन्वर्जेंस से सिचाई, उद्यान, वन, कृषि एवं लोक निर्माण विभाग काम कर रहे हैं। इन विभागों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 969081 मानव दिवस सृजित करने यानी श्रमिकों को रोजगार देने का लक्ष्य मिला। लेकिन फरवरी का आधे से ज्यादा समय बीत गया। देखा जाए तो वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में अब डेढ़ माह से भी कम का समय शेष बचा है। इन विभागों ने अभी तक महज एक लाख 65 हजार से भी कम लोगों को रोजगार दे पाएं है।
विभागवार स्थिति देखें तो कृषि, लघु सिचाई, वन व उद्यान विभाग की प्रगति बेहद कमजोर है। कृषि विभाग अभी तक तीन, लघु सिचाई सात, वन 11 व उद्यान ने 20 फीसद से भी कम मानव दिवस सृजित किए हैं। बताते चलें कि सिचाई विभाग द्वारा नहरों की सिल्ट सफाई, उद्यान विभाग द्वारा वानिकी, कृषि विभाग द्वारा मेड़बंदी सहित जल संरक्षण आदि के काम कराए जा रहे हैं।
संवाद विनोद मिश्रा

Digital Varta News Agency

Post Top Ad

loading...