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प्रधानों का गजब भ्रष्टाचार, सांसद निधि के निर्माण को अपना दर्शाकर हड़पे लाखों

बांदा डीवीएनए। जिले के कुछ प्रधानों ऩे गजब का दुस्साहस कर डाला। भ्रष्टाचार की ऐतिहासिक इबारत लिख दी। आश्चर्य की सांसद निधियों से कराए गए निर्माण,विकास कार्यों को अपना बताकर ग्राम पंचायतों ने कई लाख रुपये हड़प लिए। कुछ काम अधूरे निकले और कुछ शुरू ही नहीं हुए। सांसद प्रतिनिधि की शिकायत पर हुई जांच में पांच कार्यों की यह धांधली सामने आई है। सांसद ने दोषियों से रिकवरी और उन पर कार्रवाई की मांग की है।
घोटाले का यह प्रकरण जसपुरा ब्लाक के सिकहुला गांव का है। वर्ष 2016-17 में इस गांव में राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद की निधि से कई कार्य कराए गए थे। पांच कामों को ग्राम पंचायत ने अपने द्वारा कराया जाना दर्शाकर उनका पैसा निकाल लिया। जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में सांसद के प्रतिनिधि राजेंद्र यादव ने यह मुद्दा उठाया और जांच की मांग की।
इस पर उपायुक्त (श्रम) वेद प्रकाश मौर्य और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के सहायक अभियंता एन सिंह ने जांच की। इन दोनों अधिकारियों ने संयुक्त हस्ताक्षरों से दी जांच रिपोर्ट में बताया है कि 3.50 लाख की लागत से बनाए गए सीसी रोड व नाली निर्माण को ग्राम पंचायत ने राज्य वित्त योजना वर्ष 2018-19 में 1,14,473 रुपये भुगतान निकाला है। इसी तरह राम-जानकी मंदिर तक सीसी सड़क व नाली निर्माण में भी जांच टीम ने बताया है कि ग्राम पंचायत ने सांसद निधि के इस कार्य को भी अपना बताकर भुगतान करा लिया है। तीसरा घोटाला भाजपा के हमीरपुर-तिंदवारी सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल की निधि में हुआ। सांसद ने अपनी निधि से यात्री शेड के लिए चार लाख रुपये ग्राम पंचायत को दिए थे। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्री शेड का फर्श पूरी तरह से ध्वस्त पाया गया। यात्रियों के बैठने के लिए बेंच नहीं बनी। काम अधूरा है। गुणवत्ता भी बहुत खराब है।
चौथा घोटाला खेत की मेड़बंदी में पकड़ा है। यह 2019-20 में मनरेगा से स्वीकृत हुई। इसका एस्टीमेट 1,61,382 रुपये का था। पिछले वर्ष जून में इसकी मंजूरी मिली। जांच टीम को मौके पर कोई मेड़बंदी नहीं मिली। लाभार्थी सहित ग्रामीणों ने भी इसकी पुष्टि की जबकि इस काम में ग्राम पंचायत ने 13,104 रुपये का फर्जी मस्टर रोल भरकर हड़प लिया।
जांच रिपोर्ट में पांचवीं गड़बड़ी संपर्क मार्ग निर्माण में बताई गई है। यह काम भी 2017-18 में मनरेगा से 3.41 लाख लागत का मंजूर हुआ था, लेकिन मौके पर जांच टीम को संपर्क मार्ग निर्माण नहीं मिला। ग्रामीणों ने भी बताया कि कोई संपर्क मार्ग नहीं बना है। जांच टीम ने कहा है कि ग्राम पंचायत ने फर्जी मस्टररोल भरकर 46,647 रुपये निकाल लिए हैं।
सांसद निधियों के घोटाले पर राज्यसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने मंडलायुक्त को पत्र भेजकर कहा है कि शासकीय धन का दुरुपयोग करने वाले सिकहुला के ग्राम प्रधान, रोजगार सेवक, तत्कालीन सचिव, सहायक व अवर अभियंता के विरुद्ध गबन की एफआईआर दर्ज कराकर इनसे रिकवरी की जाए। सांसद ने कहा है कि 13 अगस्त 2020 को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में उनके प्रतिनिधि राजेंद्र यादव ने इन पांच कामों की जांच की मांग की थी। जिस पर सीडीओ ने जांच कराई। जांच में यह घोटाला सामने आया।
संवाद विनोद मिश्रा

Digital Varta News Agency

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