
लखनऊ (डीवीएनए)। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के तेज होने के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार हैं, फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ से आए बादलों के कारण तापमान में अपेक्षित कमी नहीं हो पा रही है, शुक्रवार को सुबह से शाम तक सूर्य नहीं निकला और घने बादल छाए रहे। इसके बावजूद अधिकतम तापमान में चार डिग्री गिरावट हुई। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बादलों के हटते ही 16 दिसंबर के आसपास ठंड कहर बरपाने लगेगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रहा, अरब सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ से पूर्व राजस्थान में इसका असर पड़ा था। चार-पांच दिनों बाद यह शांत हुआ।
इसी क्रम में अब अरब सागर से उठा विक्षोभ गुजरात तक पहुंचकर देशभर का मौसम बदल रहा है। पहले 12 दिसंबर से शीत लहर चलने का अनुमान मौसम वैज्ञानिकों ने लगाया थाॉ जो इस विक्षोभ की भेंट चढ़ गया और ठंड नहीं बढ़ पायी। अब अरब सागर के विक्षोभ के शांत होने के बाद ही ठंड़ बढ़ने का अनुमान हैं।
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के तेज होने के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ने के आसार हैं। फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ से आए बादलों के कारण तापमान में अपेक्षित कमी नहीं हो पा रही है, शुक्रवार को सुबह से शाम तक सूर्य नहीं निकला और घने बादल छाए रहे। इसके बावजूद अधिकतम तापमान में चार डिग्री गिरावट हुई। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बादलों के हटते ही 16 दिसंबर के आसपास ठंड कहर बरपाने लगेगी। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 24 और न्यूनतम 13 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग के जेपी गुप्ता का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ आने से पृथ्वी की इनर्जी कोहरेॉ धुंध के साथ प्रदूषण में समा जाती है और ऊपर नहीं उठ पाती है। इसी इनर्जी से बारिश आदि का योग ऊपर उठने पर बनता हैॉ जो नहीं बन पा रहा है। इसीलिये ठंड बढ़ने में रुकावट आ रही है। उधर, विक्षोभ से उत्पन्न एस्ट्रो टर्फ बनने से बादल आयेॉ जिससे तापमान गिरा है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव खत्म होने के साथ ही 16 दिसंबर के बाद कड़ाके की ठंड होने की गुंजाइश बन रही है। बादल रहने से आज के तापमान में कमी दर्ज हुई है और आर्द्रता भी शत प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, इस दौरान हवा चलने से भी ठंड में इजाफा हो सकता है। उन्होंने बताया कि बादल तो आये हैं। किंतु बारिश की संभावना नगण्य हैॉ कहीं कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।
संवाद राकेश पाण्डेय
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